******होली*****
आया होली का त्यौहार
रंगो मे बरसा है प्यार
बंटी, बबलू, पीहू आये
रंग भरी पिचकारी लाए
एक दूजे पर रंग उड़ाए
कोई कैसे बच कर जाए
कोई आगे आगे चलता
डालो रंग कोई है कहता
टॉमी कैसे पीछे रहता
पूॅ॑छ हिला कर सबसे मिलता
आया होली का त्यौहार
रंगो में बरसा है प्यार
लाल गुलाबी पीला नीला
उड़े गुलाल गजब रंगीला
रानी को पकड़ी जब शीला
कर डाला रंगों से गीला
पीकर भाॅ॑ग सभी इतराऐॅ॑
सब मिलजुल कर मौज मनाएं
ढोल - मंजीरा बजते जाएं
गीत - कबीरा भी सब गायें
आया होली का त्यौहार
रंगो मे बरसा है प्यार
हरिशंकर पाण्डेय "सुमित"
बाल कविताएं पढ़िए, आनंद लीजिए और सुनाइए
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